वेरीकोज वेन्स : गर्मियों में पैरों में ठंडक और भारीपन को न करें नजरअंदाज, 30 की उम्र के बाद बढ़ सकता है गंभीर रोग का खतरा

गर्मियों में पैरों में ठंड क्यों लगती है?

क्या आपके पैरों के निचले हिस्से में हमेशा दर्द या असामान्य ठंडक महसूस होती है? अगर हां, तो यह वेरीकोज वेन्स (वैरिकोज़ नसें) की शुरुआती चेतावनी हो सकती है। इसे नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है।

क्या है वेरीकोज वेन्स की समस्या?

क्या है वेरीकोज वेन्स की समस्या
क्या है वेरीकोज वेन्स की समस्या

अगर आपको बिना किसी भारी काम के भी पैरों में थकान, ठंडक या भारीपन महसूस होता है, तो इसे हल्के में लेना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह लक्षण पैरों की नसों में सूजन यानी वेरीकोज वेन्स का संकेत हो सकते हैं। इस स्थिति में नसें उभरकर त्वचा के ऊपर दिखाई देने लगती हैं, और कई बार इनमें दर्द या जलन भी महसूस होती है।

वेरीकोज वेन्स सिर्फ एक सौंदर्य से जुड़ी परेशानी नहीं है, बल्कि अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो ये नसें फट सकती हैं या उनमें जख्म तक बन सकते हैं। अच्छी बात यह है कि अगर समय पर डॉक्टर से परामर्श लिया जाए, तो इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है और दर्द से राहत भी मिलती है।

इसलिए अगर आपके पैरों में बार-बार ठंडक या भारीपन महसूस होता है, तो उसे नजरअंदाज न करें—यह शरीर का एक अहम संकेत हो सकता है कि कुछ अंदरूनी गड़बड़ी चल रही है।

वेरीकोज वेन्स के लक्षण क्या हैं?

जब पैरों की नसों में खून का प्रवाह बाधित हो जाता है, तो वे फूलने लगती हैं और त्वचा के ऊपर उभरी हुई दिखाई देने लगती हैं — यही स्थिति वेरीकोज वेन्स कहलाती है। यह सिर्फ एक देखने में असामान्य बदलाव नहीं है, बल्कि इससे जुड़े कई तकलीफदेह लक्षण भी होते हैं।

वेरीकोज वेन्स मुख्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

  • पैरों में लगातार दर्द या जलन

  • भारीपन महसूस होना, खासकर लंबे समय तक खड़े रहने पर

  • नसों का नीला या बैंगनी रंग में उभर आना

  • सूजन या पैरों का थक जाना

  • कभी-कभी खुजली या त्वचा पर रैशेस

यह समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने, ज्यादा देर खड़े रहने, मोटापा या गर्भावस्था जैसी स्थितियों में ज्यादा देखने को मिलती है। अगर आपको ये लक्षण लंबे समय तक महसूस हों, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

वेरीकोज वेन्स की समस्या क्यों होती है?

वेरीकोज वेन्स यानी नसों का फूलना कोई अचानक से होने वाली समस्या नहीं है। यह धीरे-धीरे उन आदतों और स्थितियों की वजह से पनपती है, जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी हैं।

इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना। जब हम बिना हिले-डुले घंटों तक एक ही स्थिति में रहते हैं, तो पैरों में खून का बहाव बाधित होने लगता है, जिससे नसों पर दबाव बढ़ता है और वे फूलने लगती हैं।

अन्य कारणों में शामिल हैं:
  • व्यायाम की कमी

  • बढ़ता हुआ वजन यानी मोटापा

  • प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) के दौरान हार्मोनल बदलाव और शरीर पर बढ़ता दबाव

  • टाइट कपड़े पहनना या ऊंची एड़ी की चप्पलें

  • खराब खान-पान और पानी की कमी

इसके अलावा, अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या रही है, तो आपको भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है।

इसलिए अगर आप घंटों एक ही जगह बैठे या खड़े रहते हैं, तो समय-समय पर हल्की स्ट्रेचिंग या वॉक करना आपकी नसों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

किन लोगों में वेरीकोज वेन्स का खतरा ज्यादा होता है?

डॉ के अनुसार, वेरीकोज वेन्स तब होती है जब नसों में सूजन आ जाती है, वे मुड़ने या टेढ़ी होने लगती हैं, या उनमें खून का जमाव होने लगता है। यह समस्या मुख्यतः पैरों में होती है और कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

जिन लोगों में इसका रिस्क अधिक होता है, वे हैं:
  • लंबे समय तक खड़े रहकर काम करने वाले लोग, जैसे टीचर्स, सुरक्षाकर्मी, शेफ या रिटेल स्टाफ

  • ऑफिस वर्कर्स, जो कई घंटे लगातार बैठे रहते हैं

  • 30 साल की उम्र पार कर चुके व्यक्ति, खासकर अगर उनकी लाइफस्टाइल निष्क्रिय है

  • गर्भवती महिलाएं, जिनमें हार्मोनल बदलाव और शरीर पर दबाव दोनों ही नसों को प्रभावित करते हैं

  • मोटापे से जूझ रहे लोग, जिनके शरीर का अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डालता है

  • जिनके परिवार में यह समस्या पहले से रही है, यानी जिनमें जेनेटिक फैक्टर मौजूद हैं

आजकल की बैठकर काम करने वाली दिनचर्या और एक्सरसाइज की कमी के चलते यह परेशानी पहले की तुलना में कम उम्र में भी दिखने लगी है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसके लक्षणों को पहचानें और अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें।

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अस्वीकरण: प्रिय पाठकों, यह लेख केवल सामान्य जानकारी और सलाह प्रदान करता है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए, अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श लें। lokfeed.com इस जानकारी के लिए कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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